Tuesday, July 18, 2017



स्वच्छ भारत अभियान 


ये किस्सा हालफिलहाल भारत भ्रमण का है, दिल्ली से राजस्थान जाना था ट्रैन से लेकिन दो मिनिट से चूक गयी इलेक्ट्रिक ऑटो के चक्कर में फिर क्या सीधा टेसन से ओला बुक किया और बस स्टैंड, ओला वाले ड्राइवर को पूछा "भैया, जरा पता करो सबसे पहले राजस्थान रोडवेज की बस कितने बजे निकलेगी?" वो तो साढ़े आठ बजे जाएगी आप तब तक यही रहेंगी ? हाँ भैया, सुबह सुबह इतने दिल्ली के ट्रैफिक में कहाँ जाएँ ? अच्छा चलिए तब तक चाय पीते है थोड़ा आधा घंटा निकल जायेगा। भैया ने तुरंत हाँ किया थोड़ा इधर उधर की बातें की और मेरा बस में सामान रख दिया। दिल्ली से झुंझुनू का बस में लम्बा सफर आसान नहीं था मगर वो कहावत है की जब सिर दिया हो ओखली में तो मूसल से क्या डरना। सफर बहुत मजेदार था रोड बाहर के खेत खलिहान देखते देखते चार घंटे कब निकल गए पता नहीं चला बस रुकने का इंतज़ार हो रहा था सब अच्छे अच्छे ढाबे और रेस्टॉरेंट निकल गए कही बस नहीं रुकी और अचानक एक खच्चड़ से ढाबे के पास बस रुकी। सभी लोग तुरंत चाय पानी के लिए उतरे, महिलायें भी बाथरूम के लिए उतरी और आस पास शौचालय देखने लगी अब चूकि दूकान और टूटा शौचालय सटे हुए थे तो शर्मा के थोड़ा दूर चल दी पर वहां भी कोई महिलाओं का शौचालय नहीं था अंत में सामने खेत थे खुले हुए अधिकतर महिलाएं गाँव से थी तुरंत खेत की मेड में ओट देखी और निस्तार किया। मैने एक दो चक्कर काटे आस पास के कही भी जगह नहीं दिखाई दी तो ड्राइवर से पूछा की कैसी जगह खाड़ी की है बस जगह भी नहीं है बाथरूम जाने की। यहाँ कहाँ रोकी है इतने अच्छे अच्छे रेस्टॉरेंट निकल गए वहां कियों नहीं रोकी ? ड्राइवर ने कहाँ मैडम ये सरकारी बस है, प्राइवेट वाले रोकने नहीं देते इसलिए इसी जगह नक्की की है। जो है यही है। 


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बड़ी दिक्कत है कहाँ जाया जाए इतने लोग आस पास शौचालय का गेट भी टूटा जंग खा गया किबाड़ पूरा और देखने से लगा की जब से बना है सफाई नहीं हुई, अंत में उसी में जाना पड़ा  जैसे ही मेने बस की तरफ मुड़ी मेरी नज़र बस में लगे विज्ञापन पर पड़ी जिसमें बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था " खुले में शौच ना करें, शौचालय का उपयोग करें" अब ये सरकारी बस सरकारी विज्ञापन और स्वच्छ भारत अभियान की ऐसी तैसी कौन कर रहा है ? जहाँ रोज़ हज़ार लोग आते होंगे और हज़ारों के लेन देन भी होता होगा। मगर "महिला शौचालय" साफ़ सुथरा बनाने में क्या दिक्कत है? ये बस ऐसी ही चलती रहेगी महिलायें खेतो में चली जाएँगी दूकान में पेप्सी कोको कोला आ जायेगा, लाल नीले बड़े बड़े होर्डिंग विज्ञापन के हर जगह लग जायेंगे, और हम इन्ही चीज़ों के आदि हो जायेंगे।